Krishna Bhajan lyrics: कृष्णा भजन हिंदी में

कृष्णा भजन "श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी"
Krishna Bhajan

श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी,

हे नाथ नारायण वासुदेवा।

अच्युतानंद गोविंद नामोच्चार,

विध्न हरण निराले घनश्यामा॥

श्री विष्णुजी के चरण निराले,

व्रज मंडल में विहारी।

नटवर वृषभानु की नंद किशोरी,

चितचोर मुरलीधारी॥

राधा प्यारी जिसकी लीला न्यारी,

गोपियों संग जय रास रचाई।

तुलसी की तुझको अर्चना सदा,

नारद और श्यामा नहिं भाई॥

आरती कुशल वाल्मीकि गाये,

सुकदेव भगवान का चित्र बनाये।

संगत ही अनंत तेरी शोभा है,

माता जनकी जी चंद्रघणश्यामा॥

सुमिरत हृदय कनकमणि तिलक,

चन्द्रकंट वदन चंद्रवदन नील।

अधर अधिरुद्र विश्व विभूषण,

जगतजननि जय जगदम्बे श्यामा॥

श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी,

हे नाथ नारायण वासुदेवा।

अच्युतानंद गोविंद नामोच्चार,

विध्न हरण निराले घनश्यामा॥

यशोमती मैया से बोले नंदलाला,

राधा क्यों गोरी, मैने जन्म लियों।

यही तो रास रचाने, यही तो बने दुलारे,

यशोदा के दूल्हा, यही तो मोहे खिलायों॥


कृष्णा भजन "जय राधा माधव"

जय राधा माधव, जय कुंज बिहारी

जय गोपीजन वल्लभ, जय गिरिधारी

बजत श्रद्धा से आये गोविंद आते

सावरे सावरे, सावरे सावरे

रंग बरसाने वाली राधा रानी चारों ओर वृंदावनी

मोहन मुरारी मुरारी मुरारी कृष्ण कन्हैया

जय राधा माधव, जय कुंज बिहारी

जय गोपीजन वल्लभ, जय गिरिधारी

करदर रजनीकांत लगाई वाणी मृदुल श्याम जग कपाटी

वंशी धर वर धर शरण आए शरणागत भक्त जनाकी

जय राधा माधव, जय कुंज बिहारी

जय गोपीजन वल्लभ, जय गिरिधारी

निकुञ्ज जना यह छवि दिखाई देती वृंदावन की शोभा बढ़ाती

रस राचि यह मिठी रचाई देती गोपी वल्लभ आनंद नायकी

जय राधा माधव, जय कुंज बिहारी

जय गोपीजन वल्लभ, जय गिरिधारी

कृष्णा भजन

कृष्णा भजन "हरे कृष्णा हरे रामा"

हरे कृष्णा हरे रामा

हरे कृष्णा हरे रामा

कृष्णा कृष्णा हरे हरे

हरे रामा हरे रामा

रामा रामा हरे हरे

हरे कृष्णा हरे रामा

हरे कृष्णा हरे रामा

कृष्णा कृष्णा हरे हरे

हरे रामा हरे रामा

रामा रामा हरे हरे

जय जगदीश हरे

स्वामी जय जगदीश हरे

भक्त जनों के संकट

दास जनों के संकट

क्षण में दूर करे

जय जगदीश हरे

हरे कृष्णा हरे रामा

हरे कृष्णा हरे रामा

कृष्णा कृष्णा हरे हरे

हरे रामा हरे रामा

रामा रामा हरे हरे

माता पिता तुम मेरे

शरण गहों किसकी मैं

स्वामी शरण गहों किसकी

तुम बिन और न दूजा

आसरा हो मेरे

आसरा हो मेरे

हरे कृष्णा हरे रामा

हरे कृष्णा हरे रामा

कृष्णा कृष्णा हरे हरे

हरे रामा हरे रामा

रामा रामा हरे हरे

तुम पूरण परमात्मा

तुम अंतर्यामी सबके

स्वामी तुम अंतर्यामी

पारब्रह्म परमेश्वर

तुम सबके स्वामी

तुम सबके स्वामी

हरे कृष्णा हरे रामा

हरे कृष्णा हरे रामा

कृष्णा कृष्णा हरे हरे

हरे रामा हरे रामा

रामा रामा हरे हरे


कृष्णा भजन "यशोमती मैया से बोले नंदलाला"

यशोमती मैया से बोले नंदलाला,

राधा क्यों गोरी, मैं क्यों काला।

बोले नंदलाला, राधा क्यों गोरी,

मैं क्यों काला।

बोले नंदलाला, राधा क्यों गोरी,

मैं क्यों काला।

श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम,

लोग चहेरे यूँही बनाए राधा नाम।

यशोमती मैया से बोले नंदलाला,

राधा क्यों गोरी, मैं क्यों काला।

मेरे श्याम मुरली वाले, तेरे नैनों का काजल,

मेरे श्याम मुरली वाले, तेरे नैनों का काजल।

सपनों की गलियों में खो गया हूँ मैं,

बस एक बार मेरी नज़र देखले।

यशोमती मैया से बोले नंदलाला,

राधा क्यों गोरी, मैं क्यों काला।

गोपियों संग गोवर्धन पर चले,

वृषभानु जी के दुलारे चले।

देख शरण आए तेरे, श्याम हमारे,

तेरी आरती उठाऊं श्याम हमारे।

यशोमती मैया से बोले नंदलाला,

राधा क्यों गोरी, मैं क्यों काला।


कृष्णा भजन "गोविंद बोलो हरी गोपाल बोलो"

गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो

जय श्री कृष्ण हरि बोलो ।

गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो

जय श्री कृष्ण हरि बोलो ।

राधा रमण श्याम रसिका वरो

गोपीवल्लभ गोविंद मुरारी ॥

दीनबन्धु दुःख भंजन भगवान

जय जय श्री राधे गोविंद ॥

कान्हा कान्हा नाम निराला है

गोपीवल्लभ गोविंद मुरारी ॥

श्याम बंसी बजाते हो यदुनन्दन

गोपीवल्लभ गोविंद मुरारी ॥

मन की शांति भगवान की धून है

गोपीवल्लभ गोविंद मुरारी ॥

नटवर श्याम है नन्द के लाला है

गोपीवल्लभ गोविंद मुरारी ॥

गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो

जय श्री कृष्ण हरि बोलो ॥

आरती जोगी शारद ज्योत से करे

गोपीवल्लभ गोविंद मुरारी ॥

प्रेम भक्ति की माला तन मन धारे

गोपीवल्लभ गोविंद मुरारी ॥

जय श्री कृष्ण हरि बोलो

जय श्री कृष्ण हरि बोलो ॥


कृष्णा भजन "अच्युतम केशवन कृष्णा दामोदरम"

अच्युतम् केशवम् कृष्णा दामोदरम्,

राम नारायणं जानकी वल्लभम्।

जानकी वल्लभम् जय जगदीश हरे,

हरे कृष्णा हरे राम, हरे राम।

अच्युतम् केशवम् कृष्णा दामोदरम्,

राम नारायणं जानकी वल्लभम्।

कानन छावरी वन में मोहन,

बंसी बजाते हैं गोपाल कन्हैया।

श्री राधे राधे राधे श्याम मुरारे,

मुरारे मुरारे मुरारे मुरारे।

अच्युतम् केशवम् कृष्णा दामोदरम्,

राम नारायणं जानकी वल्लभम्।

वृन्दावन में गोपियों का कान्हा,

गोपीयों संग रास रचाता बांके बिहारी।

श्री राधे राधे राधे श्याम मुरारे,

मुरारे मुरारे मुरारे मुरारे।

अच्युतम् केशवम् कृष्णा दामोदरम्,

राम नारायणं जानकी वल्लभम्।

यशोदा के बाल चार रहते हैं नन्दलाल,

ब्रज में दूध पियते मक्खन चोरी चोरी।

श्री राधे राधे राधे श्याम मुरारे,

मुरारे मुरारे मुरारे मुरारे।

अच्युतम् केशवम् कृष्णा दामोदरम्,

राम नारायणं जानकी वल्लभम्।

गोविन्द बोलो हरि गोपाल बोलो,

श्री राधे राधे राधे श्याम मुरारे।

मुरारे मुरारे मुरारे मुरारे,

श्री राधे राधे राधे श्याम मुरारे।


कृष्णा भजन "राधे राधे जपा करो"

राधे राधे जपा करो, कृष्ण का नाम रते जाओ,

अपने मन को शुद्ध करो, राधे राधे जपा करो।

मुरली मनोहर मोर जोड़ो, राधे राधे श्याम संग रंग रंगो,

वृन्दावन की छाव में खेलो, राधे राधे जपा करो।

माखन चोर नंद के लाला, राधा के गालों में मुरली बजाला,

वृन्दावन धाम की आशा निभाला, राधे राधे जपा करो।

नंद के आनंद नंदलाला, गोपियों के दिल में बसे नंद किशोर,

प्रेम रस में डूबो राधा प्यारी, राधे राधे जपा करो।

गोवर्धन धाम की भव्यता, गोपीयों का प्रीतम भावना,

मधुर संगीत में झूमो भोरी, राधे राधे जपा करो।

श्री राधे कृष्ण शरण तुम्हारी, प्रेम भक्ति से सदा तुम्हारी,

जन्म जन्म का संगी तुम्हारी, राधे राधे जपा करो।


कृष्ण भजन "श्री कृष्णा गोविंद हरे मुरारी"

श्री कृष्णा गोविंद हरे मुरारी,

हे नाथ नारायण वासुदेवा।

अच्युतानंत हरे,

गोविंद नारायण वासुदेवा॥

गोपाल गोपाल हरे,

राधा रामण हरे,

गोपाल गोपाल हरे,

राधा रामण हरे॥

यमुना तीरे वनवानारे,

जमुना तीरे वनवानारे।

हे नाथ नारायण वासुदेवा,

हे नाथ नारायण वासुदेवा॥

वृषभानु शुत भ्रज जनरंजन,

जमुना के तीर चरण सपने विहारे।

वृषभानु शुत भ्रज जनरंजन,

जमुना के तीर चरण सपने विहारे॥

कश्यप शुत भगवन् शरणम् अगत,

राधा जी के नाम की धार लगाये।

कश्यप शुत भगवन् शरणम् अगत,

राधा जी के नाम की धार लगाये॥

यशोदा माई को नन्दलाल,

चिढ़क गयो ब्रज देश।

यशोदा माई को नन्दलाल,

चिढ़क गयो ब्रज देश॥

बंसी बजाइया राधा नाचेगी,

गोपाल राधा के संग।

बंसी बजाइया राधा नाचेगी,

गोपाल राधा के संग॥

श्री कृष्णा गोविंद हरे मुरारी,

हे नाथ नारायण वासुदेवा।

अच्युतानंत हरे,

गोविंद नारायण वासुदेवा॥


कृष्णा भजन "श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम"

श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम,

लोग करें मीरा का ध्यान, श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम॥

राधा नाम रंग ले, मन मोहे नाचे जिया रे,

राधा नाम रंग ले, मन मोहे नाचे जिया रे॥

गोपियों संग गोविंद ने आवें रास रचाये,

रंग बरसाये, बरसाये रंग बरसाये॥

श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम,

लोग करें मीरा का ध्यान, श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम॥

मीरा आज श्याम संग पिया की होली मनाए,

रंग में रंगी उसके संग, ऐसी रंग ना छोड़े॥

श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम,

लोग करें मीरा का ध्यान, श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम॥

जब तक जिया धारी रहे, श्याम तेरा नाम लेंगे,

जब तक जीवन चले तब तक नाम जपेंगे॥

राधा रानी की जय, श्याम संग रंग जगाए,

राधा रानी की जय, श्याम संग रंग जगाए॥

श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम,

लोग करें मीरा का ध्यान, श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम॥

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